Detailed Notes on राजनीति विज्ञान

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इतिहासकारों ने तारीख-ए-शेरशाही को आधार बनाकर ही शेरशाह का इतिहास लिखा है। डॉ॰ निगम के अनुसार, ‘‘अब्बास खां more info ने अनेक घटनाओं से सम्बन्धित अपने सूचना स्रोतों का भी उल्लेख किया है। अतः इस पुस्तक के तथ्यों में कोई संदेह नहीं है। बड़ी-बड़ी घटनाओं की पुष्टि हुमायूं से सम्बन्धित अन्य इतिहासों से भी होती है। शेरशाह का सम्पूर्ण विवरण जितना विस्तारपूर्वक इस ग्रंथ में मिलता है, उतना किसी अन्य में नहीं।’’ अब्बास खां ने इस ग्रंथ को बड़ी बुद्धिमत्ता तथा सावधानी से लिखा है। उसने लिखा है कि, ‘‘जो कुछ इन विश्वसनीय पठानों के मुख से, जो साहित्य तथा इतिहास में निपुण थे और उनके राज्य के प्रारम्भ से अंत तक उनके साथ थे तथा विशेष सेवा के कारण विभूषित एवं सम्मानित थे, सुना था। अन्य मनुष्यों से जो कुछ छानबीन कर प्राप्त किया था, उसको मैंने लिखा। जो कुछ उनके विरूद्ध सुना था और जांच की कसौटी पर नहीं उतरा था, उसे त्याग दिया।’’

प्राचीन एवं पूर्व मध्यकालीन भारत का इतिहास by

बरनी के अनेक ग्रंथों में उसके दो ग्रंथ- ‘तारीख-ए-फीरोजशाही’ तथा ‘फतवा-ए-जहाँदारी’ विशेष महत्त्वपूर्ण हैं, जो खिलजी और तुगलक काल के राजनीतिक और सांस्कृतिक क्रियाकलापों की जानकारी के मूल्यवान स्रोत हैं। इलियट और डाउसन ने अपनी रचना भारत का इतिहास में बरनी के कई उद्धरणों का प्रयोग किया हैं।

अखिल भारतीय महिला सम्मेलन की स्थापना मार्गरेट कजिन्स ने की थी

देश में अंग्रेजों के खिलाफ अनगिनत युद्ध हुए, और कई तो ऐसे भी युद्ध थे कि जिन्होंने इतिहास…

हम्पी • महाबलिपुरम के तट मन्दिर • पत्तदकल • हुमायुं का मकबरा • ताजमहल • लाल किला • कुतुब मीनार • कोणार्क सूर्य मंदिर • आमेर का किला

माना जाता है कि प्राकृतिक आपदाओं के आने के कारण सिंधु घाटी की सभ्यता भी नष्ट हो गई थी।

लॉर्ड विलियम बेंटिक ने गवर्नर-जनरल के रूप में कार्य किया

इस ग्रंथ का रचयिता अल बिरुनी था। वह अरबी तथा फारसी भाषाओं का विद्वान था। यह ग्रंथ फारसी भाषा में लिपिबद्ध है। अलबरूनी विदेशी था तथा भारत में उसने महमूद गजनवी के यहां नौकरी कर ली। वह चिकित्साशास्त्र, धर्म, दर्शन तथा गणित में रूचि रखता था। वह हिन्दू धर्म तथा दर्शन का भी अच्छा ज्ञाता था।

लॉर्ड वेलेस्ली को गवर्नर-जनरल के रूप में नियुक्त किया गया था

लेकिन बंबई के ब्रिटिश प्रतिष्ठान ने इस संधि का उल्लंघन किया और रघुनाथराव को ढाल दिया।

होम रूल लीग की स्थापना तिलक और एनी बेसेंट ने की थी

वास्तव में, अफीफ फीरोजशाह तुगलक के शासनकाल की शांति एवं संपन्नता से बहुत प्रभावित था। उसने उसकी स्थापत्य संबंधी गतिविधियों, जैसे- नहरें बनवाने, बाग लगवाने, शाही टकसाल की कार्यविधि, सैनिक पड़ाव, शाही शिकार, खाद्य-पदार्थों के मूल्य, उत्सवों, राजस्व-प्रबंध आदि की बड़ी प्रशंसा की है। इस प्रकार तारीख-ए-फीरोजशाही फिरोजशाह के शासनकाल की जानकारी का एक प्रामाणिक स्रोत है। अफीफ द्वारा वर्णित उसके सत्कार्यों के आधार पर ही सर हेनरी इलियट ने फिरोजशाह की तुलना अकबर से की है।

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